Mutual Fund SIP का मतलब सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान होता है, जो निवेश के लिए एक बेहतरीन विकल्प माना जाता है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले बाजार के निवेशक अक्सर एसआईपी के जरिए निवेश करने की सलाह देते हैं। इसके अंतर्गत, आपको हर महीने एक निश्चित राशि का निवेश करना होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एसआईपी सिर्फ एक या दो नहीं, बल्कि पांच प्रकार की होती है?
सिर्फ 1000 रुपये की Mutual Fund SIP से करोड़पति कैसे बनें
अगर आप अपनी आय का 10% हिस्सा, यानी 1,000 रुपये, म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करते हैं और आपको 12% का औसत रिटर्न मिलता है, जो कि पिछले दशक में इक्विटी सेगमेंट में म्यूचुअल फंड के प्रदर्शन के आधार पर है, तो आप 60 साल की उम्र में रिटायरमेंट के समय करोड़पति बन सकते हैं। 15% के रिटर्न दर पर 1,000 रुपये की एसआईपी आपको 1,19,000,00 रुपये तक ले जा सकती है। यह कंपाउंडिंग की शक्ति है। अगर आप अपनी सैलरी में बढ़ोतरी के साथ हर साल एसआईपी में 10% का इजाफा करते हैं, तो 40 साल में नियमित निवेश के जरिए रिटायरमेंट की उम्र तक 3.5 करोड़ रुपये का फंड बना सकते हैं।
हालांकि, अगर आपकी शुरुआती एसआईपी 3,000 रुपये की है और आप अगले 40 साल तक म्यूचुअल फंड एसआईपी में निवेश करते हैं, और हर साल इसमें 10% का इजाफा करते हैं, तो रिटायरमेंट की उम्र तक 12% के औसत रिटर्न के हिसाब से आपका फंड 10.5 करोड़ रुपये हो जाएगा। इस तरह, छोटे-छोटे निवेश करके आप करोड़पति बनने के सपने को साकार कर सकते हैं। इस यात्रा में कंपाउंडिंग का अहम योगदान होगा।
Mutual Fund SIP के फायदे
एसआईपी के जरिए निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें बाजार के सभी टाइमफ्रेम का लाभ मिलता है। यह ईएमआई की तरह होता है, जिसमें हर महीने एक किस्त के रूप में निर्धारित राशि म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश की जाती है। लंबी अवधि में निवेश के लिए एसआईपी एक अच्छा विकल्प है, जिससे लॉन्ग टर्म कंपाउंडिंग का लाभ भी मिलता है।
- कंपाउंडिंग का लाभ: एसआईपी में निवेश करके आप कंपाउंडिंग का लाभ उठा सकते हैं। जितना लंबा समय निवेश करेंगे, उतना अधिक रिटर्न मिलेगा।
- लचीलापन: एसआईपी आपको निवेश में लचीलापन प्रदान करता है। बाजार में गिरावट आने पर इसे रोक सकते हैं।
- टैक्स में छूट: एसआईपी के जरिए आप आयकर में छूट प्राप्त कर सकते हैं।
- समय का चयन: आप अपनी सुविधा के अनुसार निवेश का अंतराल चुन सकते हैं, जैसे मासिक, तिमाही, या वार्षिक।
- ऑटोमेटिक पेमेंट: एसआईपी के लिए आप अपने पेमेंट्स को ऑटोमेट कर सकते हैं, जिससे हर महीने आपके बैंक से निवेश होता रहेगा।
- वित्तीय लक्ष्य: एसआईपी के माध्यम से आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
Mutual Fund SIP के नुकसान
एसआईपी केवल लंबी अवधि के निवेश के लिए अधिक प्रभावी होता है। म्यूचुअल फंड स्कीम में एक निश्चित तारीख को ही एसआईपी होती है। कभी-कभी देरी होने पर जुर्माना भी भरना पड़ता है। एसआईपी फिक्स्ड इनकम वाले लोगों के लिए अधिक उपयुक्त होती है।
Mutual Fund SIP कितनी राशि से शुरू कर सकते हैं?
वर्तमान में, आप 500 रुपये प्रति महीने से एसआईपी शुरू कर सकते हैं। हालांकि, सेबी (SEBI) की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने बताया था कि सेबी अब 250 रुपये से एसआईपी शुरू करने की योजना बना रहा है, जिससे निवेश में और अधिक वृद्धि होगी।
Mutual Fund SIP लिए जरूरी दस्तावेज
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- बैंक खाता डिटेल्स
- फ़ॉर्म 16 या सैलरी स्लिप
- फ़ॉर्म 26AS
- बैंक डिटेल्स
- फ़ॉर्म 80C/80D की प्रमाणित प्रतियाँ
Mutual Fund SIP में निवेश क्यों करें?
एसआईपी में निवेश करने से आपको बचत और नियमित निवेश की आदत पड़ती है, जिससे वित्तीय सुरक्षा मिलती है। छोटे-छोटे निवेश से आप कंपाउंडिंग के कारण एक अच्छी राशि जमा कर सकते हैं, जिससे आप अपने वित्तीय लक्ष्य, जैसे घर खरीदना या रिटायरमेंट के बाद की तैयारी कर सकते हैं। एसआईपी में निवेश करना आपकी जेब पर भी बोझ नहीं डालता, क्योंकि इसमें एक साथ बड़ी राशि निवेश करने की आवश्यकता नहीं होती।
Mutual Fund SIP निवेश कैसे शुरू करें?
- लक्ष्य निर्धारित करें: सबसे पहले अपने लक्ष्य को निर्धारित करें, जिससे आप जान सकें कि हर महीने कितनी राशि निवेश करनी है।
- दस्तावेज़ तैयार रखें: अपने सभी दस्तावेज़ तैयार रखें।
- केवाईसी पूरा करें: केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें।
- पंजीकरण: एसआईपी के लिए पंजीकरण करें।
- योजना का चयन: सही म्यूचुअल फंड योजना का चयन करें।
- निवेश राशि तय करें: निवेश की राशि तय करें।
- तारीख चुनें: एसआईपी की तारीख चुनें।
- फ़ॉर्म जमा करें: सभी आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ फॉर्म जमा करें।
Mutual Fund SIP के प्रकार (वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर)
- मासिक एसआईपी: इसमें हर महीने निवेश किया जाता है।
- तिमाही एसआईपी: इसमें हर तीन महीने के अंतराल पर निवेश किया जाता है।
- चयनित तिमाही एसआईपी: इसमें अपनी पसंदीदा तिमाही पर निवेश कर सकते हैं।
- वार्षिक एसआईपी: इसमें हर साल एक बार निवेश किया जाता है।
Mutual Fund SIP के प्रकार
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- रेगुलर एसआईपी: इस प्रकार में एक तय अवधि के लिए एक निश्चित राशि निवेश की जाती है। निवेशक हर महीने, हर तीन महीने, या छमाही आधार पर निवेश कर सकते हैं। निवेश की राशि का चयन निवेशक खुद कर सकते हैं।
- स्टेप-अप एसआईपी: इसमें निवेशक एक निश्चित समय के बाद एसआईपी की राशि को बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आप हर महीने 5,000 रुपये की एसआईपी कर रहे हैं, तो आप इसे हर साल 5% या 10% बढ़ाने का विकल्प चुन सकते हैं।
- फ्लेक्सिबल एसआईपी: इस प्रकार में निवेशक एसआईपी की राशि को बढ़ा या घटा सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को फंड हाउस को एसआईपी कटने की तारीख से पहले सूचना देनी होती है।
- ट्रिगर एसआईपी: इस योजना में समय और मूल्यांकन (वैल्यूएशन) के आधार पर निवेश किया जाता है। इसमें पहले से ही शर्तें लगाई जा सकती हैं, जैसे कि जब एनवी (नेट एसेट वैल्यू) 1000 रुपये से अधिक हो जाए तो ट्रिगर एसआईपी की शुरुआत की जाए, या 1000 रुपये से कम होने पर अतिरिक्त पैसे एसआईपी में लगाए जाएं।
- इंश्योरेंस के साथ एसआईपी: इस प्रकार में टर्म इंश्योरेंस का लाभ भी मिलता है। सभी फंड हाउस में इसके लिए अलग-अलग शर्तें हो सकती हैं। इसमें एसआईपी की राशि के दस गुना तक का कवर मिलता है। इसका लाभ केवल इक्विटी म्यूचुअल फंड्स पर ही मिलता है।
अगर आपको म्यूचुअल फंड में निवेश करने का बिल्कुल अनुभव नहीं है या ऊपर बताए गए निर्देशों को फॉलो करने के बाद भी निर्णय लेने में कठिनाई हो रही है, तो आप एक फाइनेंशियल एक्सपर्ट से परामर्श ले सकते हैं। वे आपको आपकी आवश्यकताओं के अनुसार सर्वश्रेष्ठ एसआईपी चुनने में मदद करेंगे। सही एसआईपी चुनने से आपको बेहतर रिटर्न मिलेगा और आपको कभी पछतावा नहीं होगा।
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